Wednesday 15 February 2012

ham kya sochte hain ?

                          हम क्या  सोचते है ?


हमेशा वैसा ही नहीं होता जैसा हम सोचते है ,
 हमेशा वही नहीं होता जैसा हम सोचते हैं ,
 हम करना कुछ चाहते हैं होता कुछ और है ,
हम पाना कुछ और चाहते हैं मिलता कुछ और है ,
हमेश वो सब हमें नहीं मिलता जिसकी कल्पना हमने की होती है  ,
हमें कम मिला उसे ज्यादा ,
उसकी खुशियाँ हमसे ज्यादा हैं ,
हमारे गम उससे ज्यादा हैं ,
हमें वो नहीं मिला जो हमने चाहा ,
उसका गिलास भरा है मेरा खली ,
काश ! हम सोच पाते कि ,
हमने जो पाया बहुत पाया ,
जो  हमारा था हमें ही मिला ,
खुशियाँ हो या गम ,
कम हो या ज्यादा ,
 हमारा गिलास भी भरा है ,
उससे थोडा कम ही सही ,
पर भरा है ,
आधा ही सही पर भरा है
जीवन थोडा ही सही
पर जीवन  हमें मिला  है.


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